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Tuesday 28 June 2011

आराधना

माँ! मैं तुम्हारी
आराधना करती हूँ
मेरा नमन तुम्हें
स्वीकार हो.

मंजिल तक पहुचने
के लिए
सहायता तुम
सदा ही करना.

राहों में
विपदाओं के कंटक
मेरे पावों को छू न पावें
नष्ट कर देना तुम
ध्वस्त कर देना
जिसमें जीवन मेरा
सफल हो जाए.

तुम्हारा रूप विराट है
तुम जगत जननी
माता हो, तारणकर्ता हो
मैं मृत्युलोक की
जर्जर भू-कंदराओं
में रहने वाली प्राणी हूँ.

जब तक
तुम्हारा वरदहस्त
मुझे अमरत्व देता है,
तब तक मैं हूँ!
और मेरा यह नश्वर रूप है,
माँ मैं तुम्हारी
आराधना करती हूँ. 

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3 comments:

  1. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है ... सुन्दर भाव पूर्ण प्रार्थना




    कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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  2. हृदय से स्वागत आपका ब्लॉग जगत में.....
    सुन्दर प्रार्थना से ब्लॉग पोस्ट का शुभारंभ किया आपने....
    सादर बधाइयां....

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  3. जब तक
    तुम्हारा वरदहस्त
    मुझे अमरत्व देता है,
    तब तक मैं हूँ!
    और मेरा यह नश्वर रूप है,
    माँ मैं तुम्हारी
    आराधना करती हूँ.
    ..AApka blog shubharabh Sarswati MAA kee aaradhna se karna bahut achha laga..

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