चित्र गूगल से साभार |
मेरे जीवन में
रंगों की ले रंगोली,
युग-युग से मैं
प्यासी नदिया,
और हूँ मैं अकेली.
पल-छिन जिनको
देखा करती
भांप लिया
मन के तारों ने
आँखों से मैंने
देख लिया है
तुम हो वही.
धड़कन से मैंने
सुन लिया है
प्रिय हो तुम्हीं,
ह्रदय में मेरे
गीतों की
धुन भी तुम्हीं.
देखा है मैंने
चाहा है मैंने
वही बिम्ब तुम्हीं
ख्वाब भी
जिसमें शरमा जाये
वही तुम कालजयी.
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